भेलसर(अयोध्या)। मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा दिए जाने के सम्बन्ध में मत्स्य पालन विभाग द्वारा अलग से शासनादेश निर्गत कराए जाने की मांग को लेकर राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी रुदौली टीपी वर्मा को सौप कर कार्यवाही की मांग की है। मत्स्यजीवी सहकारी समिति मिर्जापुर के सभापति रजनीश कश्यप ने दिए गए मांग पत्र में लिखा है कि शासनादेश सं 1106 /सत्रह-ग/2014 116अ7/2006 उत्तर प्रदेश मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा दिलाये जाने संबंधी शासनादेश 30 जून 2014 को तत्कालीन सरकार के प्रमुख सचिव योगेश कुमार द्वारा जारी करते हुवे कहा गया था कि उत्तर प्रदेश के मत्स्य पालन कृषि का ही अंग है। अधिकतर ग्रामीण अंचलो में रहने वाले हैं ग्रामीण कृषि के साथ-साथ मत्स्य पालन कार्यो में भी रहते है परंतु मत्स्य पालन हेतु प्रदेश में कृषि का दर्जा न होने के कारण मत्स्य पालको में असुरक्षा की भावना बनी हुई है क्योंकि कृषि के क्षेत्र में मिलने वाली सुविधाओं से अभी तक वंचित थे उपरोक्त स्थिति को देखते हुए शासन द्वारा निर्णय लिया गया कि मत्स्य पालकों को कृषि का दर्जा प्रदान किया जावे व् कृषि से मिलने वाली सुविधाओं को भी मत्स्य पालको को समान रूप से उपलब्ध कराया जाए।कृषि क्षेत्र में कृषकों को कृषि दर पर विद्युत आपूर्ति हेतु व् कृषि हेतु सिंचाई की दर पर जल आपूर्ति अनुदानित ब्याज दरों पर श्रण तथा अभिलेखों के पंजीकरण में स्टांप शुल्क की अनिवार्यता समाप्ति तथा देवी आपदा में कृषक उत्पादकों की बीमा सुरक्षा तथा विपरण कतिमय सुविधाएं उपलब्ध है इन सुविधाओं को कृषि क्षेत्र के समान रूप में मत्स्य पालको को भी कृषि का दर्जा उपलब्ध कराया जाना है।इस संबंध में संबंधित विभागो द्वारा अलग से शासनादेश जारी किये जायेंगे जिनकी तिथि से ये सुविधा मत्स्य पालको को उपलब्ध हो सकेगी।
श्री कश्यप ने बताया कि शासनादेश का पालन हेतु उनके व अन्य द्वारा समय-समय पर संज्ञान लेने हेतु सदस्य विधान सभा उत्तर प्रदेश सभापति सार्वजनिक उपक्रम एवं नगर संयुक्त समिति उत्तर प्रदेश शासन व मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश व प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश प्रधान मंत्री भारत सरकार को भी पत्र प्रेषित किया गया।लगभग 5 वर्ष बीतने के बाद भी मत्स्य पालको को कृषि के अनुसार सुविधा मत्स्य उत्पादन बीमा आदि का ध्यान नहीं दिया जा रहा है इस कारण उत्तर प्रदेश के मत्स्य पालको में प्रदेश सरकार के विरुद्ध काफी रोष है।क्योंकि बार-बार संज्ञान में लाने के बाद सरकार द्वारा कोई उचित कदम नहीं उठाया जा रहा है।इस अवसर पर बसपा के विधान सभा प्रभारी गया शंकर एड्वोकेट व् अन्य लोग मौजूद रहे।
मत्स्यपालन को कृषि का दर्जा दिए जाने को लेकर दिया गया मांग पत्र