सीबीसी योजना के तहत ब्याज एवं दण्ड ब्याज माफी के लिए एक मुश्त समाधान योजना तीन माह के लिए बढ़ाई गई
लखनऊ। महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती के अवसर पर उप्र खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुसार सीबीसी योजना के तहत वित्तपोषित उद्यमियों/इकाईयों के लिए ब्याज एवं दण्ड ब्याज माफी के लिए एक मुश्त समाधान (ओटीएस) योजना आगामी तीन माह के लिए बढ़ा दी गई है। अब उद्यमी 15 जनवरी, 2020 तक इस योजना का लाभ उठा सकते है।
यह जानकारी प्रमुख सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग डा.नवनीत सहगल ने दी है। उन्होंने बताया कि सीबीसी योजना के अन्तर्गत वित्तपोषित ऐसे उद्यमी जो ऋण, ब्याज एवं ब्याज की ससमय अदायगी नहीं कर पाये हैं, उनको ब्याज एवं दण्ड ब्याज माफी का सुनहरा अवसर प्रदान किया गया है। उन्होंने बताया कि ब्याज एवं दण्डब्याज माफी हेतु मूलधन जमा करने के लिए उद्यमी अपने जनपद में स्थित जिला खादी एवं ग्रामोद्योग अधिकारी कार्यालय से सम्पर्क कर सकते हैं।
डा0 सहगल ने बताया कि सीबीसी योजना के तहत ऋण लेने वाले उद्यमियांे द्वारा लोन की राशि नहीं जमा की गई है। जनपद स्तर पर आहूत लोक अदालत में उद्यमियों द्वारा व्यक्तिगत परेशानियों का उल्लेख करते हुए ब्याज एवं दण्ड ब्याज माफ करने का अनुरोध किया गया था, जिसको दृष्टिगत रखते हुए ब्याज एवं दण्ड ब्याज माफ कर मूलधन वसूल करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि 15 अगस्त, 2018 से 14 अपै्रल, 2019 तक ओटीएस स्कीम लागू की गई थी। इसकी तिथि आगामी छः माह 14 अक्टूबर तक के लिए बढ़ायी गयी थी, जिसकी अवधि समाप्त हो चुकी है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि सभी जिला ग्रामोद्योग अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने जनपद में सीबीसी के तहत उद्यमियों से एक मुश्त ऋण राशि जमा कराते हुए बंधक विलेख अवमुक्त करने की कार्यवाही सुनिश्चित करें। जनपदीय अधिकारियोें को अवशेष इकाइयों की सूची तैयार कर मुख्यालय प्रेषित करने के निर्देश भी दिये गये हंै।