वाहनों का विभाग में बिना पंजीयन नहीं हो सकेगा खनिज परिवहन:डाॅ. रोशन जैकब
इन्टीग्रेटेड माइन्स सर्विलांस सिस्टम द्वारा अवैध खनन एवं परिवहन पर लगेगी रोक

 

सेटेलाइट इमेजरीज का प्रयोग कर जीआईएस प्रणाली के माध्यम से प्रदेश में 179 नये खनन क्षेत्र का चिन्हांकन

 

व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम युक्त वाहनों से खनिजों का परिवहन

 

लखनऊ। अवैध खनन एवं परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण किये जाने हेतु इन्टीगे्रटेड माइन्स सर्विलांस सिस्टम का प्रयोग किया जा रहा है। इस प्रयोग हेतु भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय में स्थायी कमाण्ड सेन्टर की स्थापना की गयी है। कमाण्ड सेन्टर के माध्यम से आर्टिफिसियल इन्टेलिजेन्स युक्त साफ्टवेयर द्वारा खनन संक्रियाओं की माॅनिटरिंग की जा रही है, जिसमंे ड्रोन एवं क्लाउड सर्विसेज का प्रयोग भी किया जा रहा है। यह जानकारी निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म डाॅ. रोशन जैकब ने देते हुए बताया कि क्षेत्रो से इतर अवैध खनन को रोके जाने हेतु खनन क्षेत्रो का जीआईएस प्रणाली के अन्तर्गत जियोफेन्सिंग का कार्य किया जा रहा है जिसके अन्तर्गत 11 जनपदों का जियोफेन्सिंग का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। 

निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म ने बताया कि सेटेलाइट इमेजरीज का प्रयोग कर जीआईएस प्रणाली के माध्यम से 26 जनपदों मंे कुल 179 नये क्षेत्रों का चिन्हांकन किया गया है। प्रत्येक खनन क्षेत्र मंे सीसीटीवी कैमरे स्थापित कराये गये हंै, जिनको निदेशालय मंे स्थापित कमाण्ड सेन्टर में प्रयुक्त इन्टेलीजेन्स युक्त साॅफटवेयर से इन्टीग्रेट किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। निर्धारित मात्रा से अधिक खनिजों के परिवहन पर अंकुश लगाये जाने हेतु प्रत्येक खनन क्षेत्र मंे तौल मशीन लगाया जा रहा है जिसका इंटीग्रेशन निदेशालय मंे स्थापित कमाण्ड सेन्टर से इंटीग्रेड किये जाने की कार्यवाही की जा रही हैै जिसके अन्तर्गत अबतक लगभग 60 तौल मशीनों का इंटीग्रेशन कमाण्ड सेन्टर से कर लिया गया है। 

डाॅ रोशन जैकब ने बताया कि खनिज परिवहन करने वाले वाहनों में प्रणाली लागू की गयी है। जिन वाहनों में पूर्व में ही जीपीएस लगा हुआ है, वाहन स्वामी जीपीएस की ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग (ओईएम) दर्ज करने हेतु विभागीय वेबसाइट-पर व्यवस्था की गयी है। खनिज परिवहन करने वाले वाहनो का विभाग मंे पंजीयन अनिवार्य किया गया है, जिसके अन्तर्गत प्रदेश मंे अब तक लगभग 18000 वाहनों का पंजीकरण विभाग की वेबसाइट-पर करा लिया गया है। इसके अतिरिक्त परिवहन प्रपत्र की वैधता की जाॅच हेतु स्कैनिंग एप विकसित की गयी है जिसे जनपदों के समस्त अधिकारियों के एण्ड्रायड मोबाइल पर डाउनलोड कराये जाने की कार्यवाही की जा रही है। 

उन्होंने बताया कि तौल मशीन, सीसीटीवी कैमरा, खनिज परिवहन करने वाले वाहनांे का पंजीकरण एवं प्रत्येक वाहनों मंे जीपीएस लगाकर विभाग के कमाण्ड सेन्टर से इंटीग्रेशन कराने के उपरान्त ही खनिजों का परिवहन किया जाना मान्य होगा। प्रदेश मंे उपखनिजों के परिवहन मंे प्रयुक्त परिवहन प्रपत्र एवं उपखनिज की मात्रा के सत्यापन हेतु पायलट प्रोजेक्ट के रूप मंे उन्नाव टोल प्लाजा पर स्वचालित चेक गेट की स्थापना किये जाने विषयक प्रस्ताव कैबिनेट के अनुमोदनार्थ रखा जाना है।