लखनऊ। राजा हरिशचंद्र के बाद अगर कलयुग में कोई ईमानदार शख्सियत अवतरित हुई है तो वह लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के उपाध्यक्ष प्रभु नारायण सिंह हैं। ईमानदारी के ऐसे-ऐसे किस्से जिनकी तारीफ में सूबे के उप मुख्यमंत्री तक कसीदे पढऩा पड़ रहा है। व्यक्तित्व और कृतित्व इतना सरल कि आला अफसरों तक बात करने और अपने आदेशों को अमल कराने के लिए भगीरथी प्रयास करने पड़ते हैं। जनता के लिए 24 घंटे अपने दरवाजे खुले रखने के दावे वाले ऐसे ईमानदार और गुणी आईएएस की एलडीए में तैनाती के बाद से जहां जनता की आंखों में खुशी के आंसू बह रहे हैं वहीं एलडीए के कल्चर में ऐसा बदलाव आया है कि दो माह में 24 हजार अवैध निर्माण तोडऩे के लक्ष्य में से मात्र एक ही तोड़ पाया है। इससे आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं कि 'एलडीए में राम राजÓ कायम हुआ है 'रावण राजÓ। मामला हाईप्रोफाइल होने के कारण इस प्रकरण पर एलडीए वीसी और प्रमुख सचिव आवास ने चुप्पी साध ली है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व एलडीए वीसी सतेन्द्र सिंह पर इतने भ्रष्टïाचार के आरोप लगे कि ढाई साल पहले ईमानदार आईएएस अफसर प्रभु नारायण सिंह की तैनाती एलडीए वीसी के तौर पर हुई। जनता और एलडीए के ईमानदार अफसरों में उम्मीद जागी कि भ्रष्टïाचार से मुक्ति मिलेगी और आसानी से काम होंगे। ढाई साल में जनता और सरकार का यह भ्रम दूर हो गया है। एलडीए में ईमानदार वीसी तैनात होने के बावजूद कार्य संस्कृति में कोई भी बदलाव नहीं आया है। उलटे अब एलडीए वीसी पर प्रभावशाली ताकतों के प्रभाव में आने के आरोप उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तक लगाने पड़े हैं। सरकार उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद के आरोपों की जांच कराने में जुटी है।