संगीत नाटक अकादमी वाल्मीकि रंगशाला में बिखरी 'कथक सुगंध'
लखनऊ, । शास्त्रीय नृत्य कथक की शिक्षा व प्रचार-प्रसार में लगे उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के कथक केन्द्र की होनहार छात्राओं शरण्या शुक्ला व प्रियम यादव ने आज शाम वाल्मीकि रंगशाला में कथक सुगंध कार्यक्रम में मोहक नृत्य प्रस्तुति दी। केन्द्र की इन दोनों छात्राओं को संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा बालवर्ग में दो वर्ष की राष्ट्रीय सांस्कृतिक प्रतिभा खोज छात्रवृत्ति के लिये चयनित किया गया है।
श्रुति शर्मा के नृत्य निर्देशन में कार्यक्रम की शुरुआत शरण्या व प्रियम ने महादेव के स्वरूप में लास्य और ताण्डव, दोनों को समाहित करती शिव स्तुति- शंकर गिरिजापति पार्वती परमेश्वर.... पर नृत्य से की। यह स्तुतिमय घु्रवपद रचना राग मालकौंस व सूल ताल में निबद्ध थी। इसके बाद पहले शरण्या और फिर प्रियम कथक की पारम्परिक पक्ष में विलम्बित और मध्य लय में थाट, उठान, तिहाई, परन जुड़ी आमद, लय-बाँट, टुकड़े और भाव दिखाने उतरीं। नृत्त पक्ष की कुछ चीजें जूनियर डिप्लोमा द्वितीय वर्ष की दोनों छात्राओं ने युगल रूप में भी प्रस्तुत कीं। इसी तरह अभिनय पक्ष को सामने रखने के लिये दोनों ने बारी-बारी से करते हुए ठुमरी- आन मिलो सजना........ में प्रेषित पतिका नायिका को दर्शाया। द्रुत लय में एक बार फिर दोनों बाल नृत्यांगनाएं टुकड़े, परन, परमेलू, यति, जाति, दुर्गा परन, तिहाई, 51 चक्कर व कुछ बंदिशों का प्रस्तुतीकरण कभी एकल तो कभी युगल रूप में करने के मंच पर आईं। अंतिम प्रस्तुति के रूप में लच्छू महाराज जयंती समारोह नमन, कुरुक्षेत्र के अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव, देवां मेला सांस्कृतिक महोत्सव सहित अनेक मंच प्रदर्शन कर चुकी दोनों छात्राओं ने अमीर खुसरों की रचना- ए री सखी मोरे पिय घर आये....पर एक बार फिर भावों को दर्शाया। प्रस्तुति में गायन व संगीत निर्देशन हारमोनियम पर स्वर दे रहे कमलाकांत का रहा। तबले पर राजीव शुक्ल व सारंगी पर श्रीमती अर्चना ने साथ दिया।
अंत में अकादमी की अध्यक्ष डाॅ0पूर्णिमा पाण्डे ने शुभाशीष देते हुए दोनों छात्राओं को स्मृतिचिन्ह प्रदान किए। प्रारम्भ में अकादमी सचिव व कथक केन्द्र के निदेशक तरुण राज ने दोनों शिष्याओं शरण्या व प्रियम को बधाई देते हुए आगंतुकों को केन्द्र की गतिविधियों से परिचित कराया।