गेस्ट हाउस एसोसिएशन की बैठक में निर्णय
प्रयागराज,। प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा 08 नवम्बर को दिये गये नोटिस को संज्ञान में लेते हुए गेस्ट हाउस एसोसिएशन की बुधवार को हुई बैठक में सरकार से अपेक्षा की गयी कि समाज के हर वर्ग की परेशानियों को समझते हुए इस सामाजिक कार्य के लिए कोई नई नियमावली बनाये ताकि सारे मांगलिक कार्य शहर में ही सुचारू रूप से हो सके। बैठक में एसोसिएशन के संरक्षक आर.सी गुप्ता ने कहा कि अगर पीडीए द्वारा बाहर जाने को बाध्य किया गया तो सम्भवतः गेस्ट हाउस संचालक कोई और व्यवसाय करने का विकल्प सोचने के लिए बाध्य होंगे। पार्किंग और यातायात जाम की समस्या के कारण बारात घरों को शहर से बाहर किया जा रहा है। जबकि स्कूल-कालेज, छात्रावास, हास्पिटल, कोचिंग तथा सरकारी कार्यालयों को भी शहर से बाहर कर देना चाहिए। इन संस्थाओं से तो प्रतिदिन यातायात प्रभावित रहता है। बारात घरों का संचालन रात में होता है वो भी वर्ष में केवल 25-30 दिनों तक। नगर निगम सीमा के बाहर बीस किमी दूर उपयुक्त भूखंड प्राप्त कर बारात घर का संचालन करने में संचालक इच्छुक भी नहीं हैं। यदि सरकार बारात घर को शहर से बाहर कराना चाहती है तो प्रयागराज विकास प्राधिकरण पट्टे पर भूखंड उपलब्ध कराये। गरीबों के लिए शादी विवाह करना और मुश्किल हो जायेगा। बारात घर और आने-जाने में व्यय बढ़ेगा तथा समय सीमा का भी अभाव रहेगा। कोई भी गेस्ट हाउस संचालक साल के 25 दिन लग्न मुहुर्त के लिए बड़ा निवेश नहीं करना चाहता, बाहर जाकर कौन विवाह करना चाहेगा, ये बड़ा सवाल है।
अध्यक्ष अशोक दुग्गल ने कहा कि भूमि परिवर्तन संचालकों के लिए जटिल समस्या बनेगी। बिना भूमि परिवर्तन कराये प्राधिकरण से संचालन हेतु स्वीकृति प्राप्त करना असम्भव है। कुछ विशेष तिथियों पर शहर में हजारों शादियां होती हैं उनका संचालन शहर के बाहर कैसे संभव है। बैठक में एसोसिएशन के संरक्षक आर.सी गुप्ता, अध्यक्ष अशोक दुग्गल, उपाध्यक्ष गुफरान अहमद, संयुक्त सचिव विद्या सागर केशरी एवं विपिन अग्रवाल, सचिव खालिक अहमद खान, लव वर्मा, रिषी अग्रवाल, सचिन तिवारी, उपहार जायसवाल, अखिल गुप्ता, आकाश गुप्ता, विवेक अग्रवाल, पी.एन ओझा सहित अन्य कई लोग उपस्थित रहे।