प्रदेश के सभी पीएचसी में प्रत्येक रविवार को आरोग्य मेले आयोजित किये जाएंगे : योगी
राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने महत्वाकांक्षी जनपदों के रूपान्तरण के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया
विद्यार्थियों को नि:शुल्क उपलब्ध करायी जाने वाली पाठ्य-पुस्तकें समय से वितरित की जाएं
मुख्यमंत्री ने सभी ०6 सूचकांकों के तहत डेटा फीडिग समय से कराने के निर्देश दिये
सम्बन्धित विभागों के प्रमुख सचिवों को अपने-अपने विभागों के कार्यों की समीक्षा हर पखवाड़े करने के निर्देशजनता को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने और जनस्वास्थ्य में सुधार के दृष्टिगत आगामी 2 फरवरी, 2020 से
लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि 'स्कूल चलो अभियान' के तहत प्रवेश दिये जाने के लिए सत्र से पहले ही सर्वे कर लिया जाए। इसके उपरान्त सर्वे के तहत उपलब्ध छात्रों का नामांकन किया जाए। उन्होंने कहा कि नामांकन के उपरान्त ड्रॉपआउट रेट की भी मॉनीटरिग की जाए और इसकी एक लिस्ट शिक्षक स्वयं तैयार करें। उन्होंने कहा कि ड्रॉपआउट करने वाले बच्चों को स्कूल वापस लाया जाए। इसके अलावा, विद्यार्थियों को नि:शुल्क उपलब्ध करायी जाने वाली पाठ्य-पुस्तकें समय से वितरित की जाएं। उन्होंने विद्यार्थियों को यूनीफॉर्म, जूते-मोजे, स्वेटर, बैग इत्यादि समय से उपलब्ध कराने के लिए कहा।
राज्यपाल ने यह विचार आज यहां लोकभवन में महत्वाकांक्षी जनपदों के रूपान्तरण के सम्बन्ध में उनके एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के समक्ष दिये गये प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करने के उपरान्त व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि वे स्वयं प्रदेश के 8 महत्वाकांक्षी जनपदों का दौरा कर प्रत्येक जनपद में 2 दिन के प्रवास पर रहेंगी और निर्धारित सूचकांकों के तहत इन जनपदों में किये गये कार्यों का अवलोकन और समीक्षा करेंगी। उन्होंने इस सम्बन्ध में उनके कार्यक्रम की रूपरेखा बनाने और तिथि निर्धारित करने के भी निर्देश दिये।
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधारने के दृष्टिगत शिक्षकों के निरन्तर प्रशिक्षण दिया जाए। साथ ही, इस बात की भी मॉनीटरिग की जाए कि शिक्षक दिये गये प्रशिक्षण के अनुसार ही विद्यार्थियों को पढ़ा रहा है अथवा नहीं। उन्होंने पूरे शिक्षण सत्र का कैलेण्डर पहले से तैयार करने और इनका प्रदर्शन प्रधानाचार्य के कक्ष के साथ-साथ स्कूल में करने के निर्देश दिये। उन्होंने प्राइमरी स्तर से ही योग का प्रशिक्षण देने के भी निर्देश दिये। उन्होंने स्कूलों में प्रार्थना के समय कविता पाठ, समाचार वाचन, वाद-विवाद तथा पहाड़े याद करवाने जैसी गतिविधियों को भी संचालित करने को कहा।
राज्यपाल ने गर्भवती महिलाओं का हेल्थ चेकअप समय से कराने के निर्देश देते हुए कहा कि उन्हें सहायता के लिए दी जाने वाली 5,००० रुपये की धनराशि समय से दी जाए और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि वे इसका सदुपयोग अपने खान-पान के लिए करें। उन्होंने प्रदेश में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए एक नीति बनायी जाए। उन्होंने कहा कि जनपद फतेहपुर के किसान ऑर्गेनिक खेती कर रहे हैं। ऐसे में उनकी उपज के लिए बाजार उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए।
राज्यपाल ने कहा कि उज्ज्वला योजना के तहत चुने गये लाभार्थियों को रसोई गैस के निरन्तर उपयोग के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी एवं ग्रामीण के तहत लाभार्थियों को उपलब्ध करायी जा रही धनराशि के सही उपयोग की मॉनीटरिग पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 8 महत्वाकांक्षी जनपदों बहराइच, बलरामपुर, चन्दौली, चित्रकूट, फतेहपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर तथा सोनभद्र में केन्द्र द्बारा लागू इस योजना में निर्धारित 6 सूचकांकों - स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास, तथा आधारभूत अवसंरचना के तहत अच्छा कार्य किया जा रहा है, परन्तु अभी और प्रयासों की आवश्यकता है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने विचार व्यक्त करते हुए राज्यपाल जी को अवगत कराया कि महत्वाकांक्षी जनपदों के तहत प्रदेश के 8 जनपद शामिल हैं। इन महत्वाकांक्षी जनपदों की स्थिति सुधारने के लिए निर्धारित 6 संयुक्त सूचकांकों के तहत उत्तर प्रदेश में अच्छा कार्य किया गया है। इन प्रयासों के चलते उत्तर प्रदेश पूरे देश में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने सभी 6 सूचकांकों के तहत डेटा फीडिग समय से कराने के निर्देश दिये। उन्होंने इन सूचकांकों से सम्बन्धित विभागों के प्रमुख सचिवों, सचिवों को अपने-अपने विभागों के कार्यों की समीक्षा हर पखवाड़े करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य एवं पोषण से सम्बन्धित संकेतकों की औसत प्रास्थिति से राज्यपाल जी को अवगत कराते हुए बताया कि इन 8 महत्वाकांक्षी जनपदों के मुख्य विकास अधिकारियों को आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थापना के लिए शीघ्रता से जमीन उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गए हैं। उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश के सभी जनपदों में प्राइमरी स्कूलों के साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्र स्थापित करने की व्यवस्था के निर्देश दिये। आंगनबाड़ी केन्द्रों का अपना भवन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों को प्री-प्राइमरी स्कूल के रूप में विकसित किया जाए। जनता को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने और जनस्वास्थ्य में सुधार के दृष्टिगत आगामी 2 फरवरी, 2020से प्रदेश के सभी 4,200 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रत्येक रविवार को आरोग्य मेले आयोजित किये जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने शिक्षा सूचकांक के सम्बन्ध में राज्यपाल को अवगत कराया कि 'स्कूल चलो अभियान' के तहत विद्यार्थियों के नामांकन में अच्छी प्रगति हुई है। इसके अलावा, प्रदेश में मौजूद 1,58,000 बेसिक शिक्षा विद्यालयों में से 92,000 विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ स्मार्ट क्लास भी स्थापित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के दृष्टिगत ग्राम्य विकास विभाग को ग्रामीण क्षेत्रों में खेल के मैदान तथा जिम स्थापित करने के भी निर्देश दिये गये हैं। प्रदेश के 1.8० करोड़ बच्चों को यूनीफॉर्म, बैग, पुस्तकें, जूते-मोजे इत्यादि नि:शुल्क उपलब्ध कराये गये हैं। स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के दृष्टिगत प्रदेश में प्रेरणा एप लागू किया गया है। इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों को प्राथमिक विद्यालयों में विद्युत आपूर्ति के दृष्टिगत सोलर पैनल लगवाने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने कृषि एवं जल संसाधन के सम्बन्ध में राज्यपाल जी को अवगत कराया कि महत्वाकांक्षी जनपदों के साथ-साथ प्रत्येक जनपद में किसानों की उपज के लिए बाजार की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है। राज्यपाल जी द्बारा जनपद फतेहपुर के किसानों द्बारा ऑर्गेनिक खेती चुनने पर उन्होंने इस जनपद को इस रूप में विकसित करने के निर्देश दिये। किसानों को उपलब्ध कराये गये मृदा स्वास्थ्य कार्डों का सकारात्मक उपयोग सुनिश्चित किया जाए। किसान की आय को दोगुना करने के लिए सभी प्रयास किये जाएं।
आगे उन्होंने कहा कि राज्य में ड्रिप इरिगेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने राज्यपाल जी को अवगत कराया कि वर्तमान सरकार के विगत ढाई साल के कार्यकाल में कई दशकों से लम्बित सिचाई परियोजनाओं को पूरा कराया गया है। बाण सागर परियोजना का उद्घाटन पिछले वर्ष प्रधानमंत्री जी द्बारा किया जा चुका है। अन्य लम्बित परियोजनाएं भी शीघ्र पूर्ण हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि किसानों की सुविधा के लिए राज्य में मूल्य समर्थन योजना लागू की गयी है। इसके तहत उन्हें लागत का डेढ़ गुना मूल्य समर्थन मूल्य के रूप में दिया जाता है।
मुख्यमंत्र ने राज्यपाल जी को अवगत कराया कि राज्य सरकार प्रदेश में नदियों के पुनर्जीवन की दिशा में भी कार्य कर रही है। इसके तहत, 10 नदियों को पुनर्जीवित किया जा रहा है। साथ ही, जल संरक्षण और तालाबों की खुदाई का कार्य भी करवाया जा रहा है। नलकूपों की विद्युत आपूर्ति की समस्या से निपटने के लिए सोलर पैनल उपलब्ध कराये गये हैं। उन्होंने अधिकारियों को रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए वाराणसी तथा चित्रकूट में अपनाये गये मॉडल अपनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि खराब पड़े हैण्डपम्पों के पाइपों का इस्तेमाल ग्राउण्ड वॉटर रीचाîजग के लिए किया जा सकता है।
वित्तीय समावेशन के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने राज्यपाल जी को अवगत कराया कि इसके तहत लोगों को ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने सभी मुख्य विकास अधिकारियों को जिला स्तरीय बैंकर्स कमेटी की मासिक बैठक कर लोगों को ऋण उपलब्ध कराने की स्थिति की समीक्षा करने के निर्देश दिये। उन्होंने मुख्य सचिव को इस कार्य की मॉनीटरिग के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मुद्रा ऋण योजना के तहत आवेदनकर्ता को ऋण उपलब्ध कराने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा, बीमा योजनाओं के तहत दावा निपटान की प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में भी कार्यवाही की जा रही है।
कौशल विकास के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को अवगत कराया कि प्रदेश में मौजूद आईटीआई को उद्योगों से जोड़ा जा रहा है, ताकि उनके लिए आवश्यक जनशक्ति तैयार की जा सके। उन्होंने कहा कि रोजगार मेलों में लाभार्थियों को बुलाया जा रहा है और उनका प्लेसमेंट करवाया जा रहा है।
आधारभूत अवसंरचना से सम्बन्धित सूचकांक के विषय में मुख्यमंत्री द्बारा राज्यपाल जी को अवगत कराया गया कि प्रदेश में मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सभी जिला मुख्यालयों को 4-लेन और ब्लॉकों को 2-लेन सड़कों से जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा, इण्टर स्टेट कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि महत्वाकांक्षी जनपदों सहित प्रदेश के सभी जनपदों में बस अड्डों का कॉमर्शियल ढंग से विकास किया जाए। यात्रियों को अच्छी खान-पान सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं।
मुख्यमंत्र ने कहा कि प्रदेश में केन्द्र की 'हर घर नल' योजना लागू की जा रही है। इसके अलावा, बुन्देलखण्ड एवं विध्य क्षेत्रों के लिए पेयजल योजना लागू की जा रही है। उन्होंने कहा कि पेयजल योजनाओं के अगले 1० वर्ष के लिए रख-रखाव की जिम्मेदारी विकासकर्ता को दी जाएगी। इसी प्रकार, सड़क निर्माण के उपरान्त निर्माणकताã को अगले 5 वर्षों तक इसका रख-रखाव सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्बारा विगत ढाई वर्षों के दौरान बड़े पैमाने पर विद्युतीकरण सुनिश्चित किया गया है। प्रदेश में बिजलीयुक्त परिवारों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। इसके अलावा, ग्रामों को इण्टरनेट कनेक्शन युक्त बनाये जाने की भी व्यवस्था की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राज्यपाल जी द्बारा 8 महत्वाकांक्षी जनपदों में 2 दिन के प्रस्तावित प्रवास एवं कार्यों की समीक्षा के सम्बन्ध में 15 जनवरी, 2020 के बाद कार्यक्रम निर्धारित करने के निर्देश दिए। प्रस्तुतिकरण के दौरान महत्वाकांक्षी जनपदों के रूपान्तरण कार्यक्रम के सम्बन्ध में 'मध्यावधि प्रास्थिति की पुस्तिका' का विमोचन भी किया गया।
इस अवसर पर नियोजन, बेसिक शिक्षा, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, संस्थागत वित्त, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार, कृषि, पशुधन, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज तथा व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभागों के अपर मुख्य सचिवों/प्रमुख सचिवों द्बारा अपने विभागों से सम्बन्धित जानकारी से राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को प्रस्तुतिकरण के माध्यम से अवगत कराया गया। प्रस्तुतिकरण के दौरान सभी महत्वाकांक्षी जनपदों के मुख्य विकास अधिकारियों द्बारा अपने-अपने जनपदों के तहत कराए जा रहे कार्यों की जानकारी दी गयी। बैठक में मुख्य सचिव आर.के. तिवारी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस पी गोयल एवं सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।