उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गुरुवार को 14 आईपीएस अफसरों के तबादले कर दिए
नोएडा एसएसपी वैभव कृष्ण सस्पेंड, 14 आईपीएस अफसरों के हुए तबादले
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा एसएसपी प्रकरण में प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह व मुख्य सचिव गृह को बुलाकर गहरी नाराजगी जताई थी
लखनऊ । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गुरुवार को 14 आईपीएस अफसरों के तबादले कर दिए इसमें सबसे अहम तबादला लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी का है। उन्हें गाजियाबाद का एसएसपी बनाया गया है। इसके अलावा नोएडा एसएसपी वैभव कृष्ण को सस्पेंड कर दिया गया है। यह कार्रवाई उनके द्वारा एक महिला से चैट का वीडियो वायरल होने के बाद आई वीडियो की फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद की गई है। हालांकि देर रात तक लखनऊ और नोएडा में नए एसएसपी की तैनाती नहीं की गई है।
लखनऊ एसएसपी के अलावा आईपीएस शिवहरि मीणा को सुल्तानपुर का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है वे पुलिस अधीक्षक पीटीएस उन्नाव में तैनात थे, सुल्तानपुर से एसपी हिमांशु कुमार को सेनानायक 28वीं वाहिनी पीएसी इटावा नियुक्त किया गया है। एसएसपी इटावा संतोष कुमार मिश्रा को रामपुर का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है, रामपुर के एसपी अजयपाल शर्मा को एसपी उन्नाव बनाया गया है, वाराणसी एसपी आकाश तोमर को एसएसपी इटावा बनाया गया है, आकाश तोमर की जगह गाजीपुर के एसपी अरविंद चतुवेर्दी को बाराबंकी जिले की कमान सौंपी गई है। डॉ. ओमप्रकाश सिंह को झांसी से हटाकर गाजीपुर जिले का कप्तान बनाया गया है, मुनिराज को झांसी का एसएसपी नियुक्त किया गया है, अपर पुलिस अधीक्षक कुशीनगर गौरव भसवाल को हाथरस का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है, हाथरस के पोलकी अधीक्षक सिद्धार्थ शंकर मीणा को बांदा का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है, गणेश प्रसाद साहा को पुलिस अधीक्षक मानवाधिकार लखनऊ बनाया गया है, लखनऊ के एसएसपी एसटीएफ राजीव नारायण मिश्रा को मुरादाबाद पीएसी का सेनानायक नियुक्त किया गया है, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गाजियाबाद को 15वीं वाहिनी पीएसी आगरा बनाया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा एसएसपी प्रकरण में प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह व मुख्य सचिव गृह को बुलाकर गहरी नाराजगी जताई थी। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने पांचों आईपीएस अफसरों पर कार्रवाई के निर्देश दिए। मामले में डीजीपी व अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी प्रेस कांफ्रेस भी कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि नोएडा एसएसपी वैभव कृष्ण के कथित वायरल अश्लील वीडियो और पांच आईपीएस अफसरों पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के मामले में शासन स्तर पर बुधवार को भी फैसला नहीं किया जा सका था।