लखनऊ । लखनऊ विश्वविद्यालय सीबीसीएस (विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली) लागू करने की तैयारी में जुट गया है। विश्वविद्यालय में सीबीसीएस की आवश्यकताओं के अनुसार पाठ्यक्रम, समय सारिणी और मूल्यांकन प्रक्रिया तैयार की जाएगी। इसकी तैयारियों में जुटे लखनऊ विश्वविद्यालय में कुलपति ने मंगलवार को संकायाध्यक्षों के साथ बैठक की।कुलपति प्रोफेसर अलोक कुमार राय ने इसी बैठक में प्रस्तुत संकायाध्यक्षों को हर संकाय में नए पीएचडी आर्डिनेंस बनाने के लिए समिति गठित करने के आदेश भी दिए, जिससे समयानुसार विश्वविद्यालय में पीएचडी के प्रतिभागियों की भर्ती सुनिश्चित हो सके। इस समिति में कला, विज्ञान और विधि के संकायाध्यक्ष शामिल हैं। कुलपति प्रोफेसर अलोक कुमार राय ने लखनऊ विश्वविद्यालय की सम्पूर्ण कार्यप्रणाली को डिजिटाइज़ करने और वेब पर विश्वविद्यालय की उपस्थिति बढ़ाने के संकल्प को दोहराया और आइक्यूएसी को इसके लिए निर्देशित भी किया। इंटीग्रेटेड पीएचडी पाठ्यक्रम की योजना शुरू करने के बारे में भी बैठक में चर्चा हुई। कुलपति ने कहा कि भारत में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस और कई आईआईटी ऐसे इंटीग्रेटेड पीएचडी पाठ्यक्रम चलाते है और इन संस्थानों से प्रेरणा ली जा सकती है। स्नातक पाठ्यक्रमों के सुसंचालन हेतु एक समिति का गठन किया गया, जिसमें प्रोफेसर विभूति राय, संजय मेधावी एवं डॉक्टा केया पाण्डेय शामिल रहेंगे।
लखनऊ विश्वविद्यालय के सीबीसीएस की कई विशेषताएँ होंगी। इसमें कोर कोर्स, परास्नातक स्तर पर दिसर्तेशन, एक इंटर्नशिप (जहां मान्य हो)] मूल्यवर्धित क्रेडिटेड पाठ्यक्रम, मूल्यवर्धित नॉन क्रेडिटेड पाठ्यक्रम, फ़्रोजेन इलेक्टिव, ओपेन इलेक्टिव, अंतर्विभागीय क्रेडिट ट्रान्सफर, अंतःविभागीय क्रेडिट ट्रान्सफर मूक्स शामिल हैं। हर पाठ्यक्रम का और हर पाठ्यक्रम में निहित कोर्स का, विशिष्ट परिणाम निर्धारित होगा, जो पाठ्यक्रम सिलेबस में रेफ़रेंस सहित लिखा होगा। कुलपति ने बताया कि सीबीसीए के लिए इस महीने की 28 तारीख तक विभिन्न संकायों की बैठकें पूरी कर ली जाएगी।