लखनऊ। राजधानी लखनऊ के अस्पतालों में कोरोना व गुर्दे के मरीजों को और बेहतर इलाज मिलेगा। लोहिया संस्थान के मातृ शिशु एवं रेफरल हॉस्पिटल कोरोना मरीजों की भर्ती के लिए तैयार है। कोविड-19 हॉस्पिटल में 100 बेड हैं। केजीएमयू में एक और डायलिसिस यूनिट बनेगी। इसमें 10 बेड होंगे। जरूरत पड़ने पर बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी।
केजीएमयू-शताब्दी फेज-1 में नेफ्रोलॉजी विभाग का संचालन हो रहा है। पीपीपी मॉडल पर 15 बेड की यूनिट चल रही है। रोजाना 30 से 35 मरीजों की डायलिसिस हो रही है। गुर्दा मरीजों की दुश्वारियों को कम करने के लिए केजीएमयू प्रशासन ने एक और 10 बेड की डायलिसिस यूनिट स्थापित करने का फैसला किया है। सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार ने बताया कि यूनिट लगाने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। इसमें कंपनी मशीन लगाएगी। उसका संचालन कराया जाएगा। नेफ्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विश्वजीत सिंह के मुताबिक मरीजों की सहूलियतों के लिए सुविधाओं के इजाफा किया जा रहा है। जरूरत के हिसाब से डायलिसिस मशीनों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
लोहिया संस्थान- शहीद पथ स्थित मातृ शिशु एवं रेफरल हॉस्पिटल कोविड-19 लेवल थ्री का हॉस्पिटल तैयार हो गया है। संस्थान के निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी के मुताबिक सभी 100 बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा है। 20 बेड पर वेंटिलेटर यूनिट है। इसमें गंभीर मरीज रखे जाएंगे। उन्होंने कहा कि अस्पताल में चार गेट हैं। डॉक्टर-पैरामेडिकल स्टाफ, मरीज व तीमारदारों के आने-जाने का रास्ता एकदम अलग है। इससे संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी। डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगा दी है।
ट्रॉमा सेंटर-केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में भूतल पर 60 बेड का होल्डिंग एरिया बनाया गया है। अभी सबसे पहले मरीज वृद्धावस्था मानसिक स्वास्थ्य विभाग आते हैं। वहां मरीजों को भर्ती किया जाता है। कोरोना की जांच की जाती है। रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ट्रॉमा व संबंधित विभाग में मरीज शिफ्ट किए जाते थे। ट्रॉमा सेंटर के सीएमएस डॉ. संतोष कुमार के मुताबिक वृद्धावस्था मानसिक स्वास्थ्य विभाग में 60 बेड हैं। वहां मरीज ज्यादा होने पर यहां मरीज भेजे जा सकेंगे। कैजुअल्टी व दूसरे विभागों को मिलाकर होल्डिंग एरिया बनाया गया है।
यहां हो रही डायलिसिस- राजधानी के बलरामपुर अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा है। लोहिया संस्थान, पीजीआई और केजीएमयू में डायलिसिस हो रही है।