पहले भी कई ढेर हुए “विकास”
राजनीतिक संरक्षण में पहले भी कई ऐसे विकास हुए जिनके दम पर दलों के कई नेताओं का हुआ विकास
कल्याण सिंह की सुपारी लेने के बाद ढेर हुआ था श्रीप्रकाश शुक्ला
लखनऊ। कानपुर के बिकरू गांव में सीओ सहित आठ पुलिस वालों की हत्या करने वाले पांच लाख का इनामी विकास दुबे एनकाउंटर में ढेर हो गया है। एसटीएफ गाड़ी उसे कानपुर ला रही थी। इस दौरान गाड़ी पलट गई। उसने हथियार छीनकर भागने की कोशिश की। जिसके बाद पुलिस ने उसे मुठभेड़ में मार गिराया है। कल ही विकास दुबे उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर से गिरफ्तार किया गया था। वारदात के बाद से फरार विकास यूपी, दिल्ली, हरियाणा और मध्य प्रदेश पुलिस को चकमा देकर दर्शन करने मंदिर पहुंचा था। गिरफ्तारी के बाद विकास से पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में दो घंटे से ज्यादा पूछताछ की गई। इसके बाद उसे मध्यप्रदेश पुलिस ने यूपी एसटीएफ को सौंप दिया था।
कानपुर के चौबेपुर थाना इलाके का बिकरू गांव... 2 जुलाई की रात गैंगस्टर विकास दुबे की गैंग ने 8 पुलिसवालों को गोलियों से भून दिया था। अगली सुबह से ही यूपी पुलिस विकास गैंग के सफाए में जुट गई। सरगना विकास 3 राज्यों की पुलिस को चकमा देकर यूपी से हरियाणा और फिर राजस्थान होते हुए मध्यप्रदेश पहुंच गया। सरेंडर के अंदाज में उज्जैन के महाकाल मंदिर से गुरुवार को विकास की गिरफ्तारी हुई। यूपी पुलिस उसे कानपुर ले जा रही थी, लेकिन रास्ते में विकास का वही अंजाम हुआ जिसके डर से वह भागता फिर रहा था। शुक्रवार सुबह कानपुर से 17 किमी पहले पुलिस ने विकास का विनाश कर दिया, उसे एनकाउंटर में मार गिराया। एनकाउंटर से बचने के लिए विकास खुद गिरफ्तार होने पहुंचा था, लेकिन 24 घंटे भी नहीं बच पाया। विकास की गिरफ्तारी गुरुवार सुबह 9.30 बजे हुई, शुक्रवार सुबह 6.30 बजे उसका एनकाउंटर हो गया।
4 एनकाउंटर में लगभग एक जैसी थ्योरी
बिकरू शूटआउट केस में 3 दिन में चौथा और 8 दिन में छठा एनकाउंटर हुआ है। विकास से पहले गुरुवार को उसके करीबी प्रभात झा का कानपुर में और बऊआ दुबे का इटावा में एनकाउंटर हुआ था। इससे एक दिन पहले यानी बुधवार को विकास का राइट हैंड और शार्प शूटर अमर दुबे हमीरपुर में मारा गया। चारों के एनकाउंटर में लगभग एक जैसी थ्योरी सामने आई कि वे पुलिस पर हमला कर भागने की कोशिश कर रहे थे। इससे पहले विकास के मामा प्रेमप्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे का 3 जुलाई को ही एनकाउंटर हो गया था।
कानपुर शूटआउट केस में अब तक क्या हुआ?
2 जुलाई: विकास दुबे को गिरफ्तार करने 3 थानों की पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी, विकास की गैंग ने 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी।
3 जुलाई: पुलिस ने सुबह 7 बजे विकास के मामा प्रेमप्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे का एनकाउंटर कर दिया। 20-22 नामजद समेत 60 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
5 जुलाई: पुलिस ने विकास के नौकर और खास सहयोगी दयाशंकर उर्फ कल्लू अग्निहोत्री को घेर लिया। पुलिस की गोली लगने से दयाशंकर जख्मी हो गया। उसने खुलासा किया कि विकास ने पहले से प्लानिंग कर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था।
6 जुलाई: पुलिस ने अमर की मां क्षमा दुबे और दयाशंकर की पत्नी रेखा समेत 3 को गिरफ्तार किया। शूटआउट की घटना के वक्त पुलिस ने बदमाशों से बचने के लिए क्षमा दुबे का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन क्षमा ने मदद करने की बजाय बदमाशों को पुलिस की लोकेशन बता दी। रेखा भी बदमाशों की मदद कर रही थी।
8 जुलाई: एसटीएफ ने विकास के करीबी अमर दुबे को मार गिराया। प्रभात मिश्रा समेत 10 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया।
9 जुलाई: मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे उज्जैन से गिरफ्तार। प्रभात मिश्रा और बऊआ दुबे एनकाउंटर में मारे गए।
10 जुलाई: विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया।