पालिसी फ्रेमवर्क के लिए कमेटी गठित

एससी/एसटी उद्यमियों के लिए शीघ्र आयेगी एक्सक्लूसिव पालिसी: डा. नवनीत सहगल



अपर मुख्य सचिव ने दिये अन्य प्रदेशों में प्रचलित नीति का अध्ययन कर सबसे अच्छी पालिसी तैयार कराने के निर्देश

पालिसी फ्रेमवर्क के लिए कमेटी गठित



लखनऊ।  अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा. नवनीत सहगल ने कहा कि प्रदेश में दलित समाज के लोगों को नौकरी मांगने वाला नहीं बल्कि रोजगार देने वाला बनाने के लिए इको सपोर्ट सिस्टम डेवलप किया जायेगा। इसके लिए शीघ्र एक्सक्लूसिव पालिसी लाई जायेगी। उन्होंने अधिकारियों को अन्य प्रदेशों में अनूसूचित जाति एवं जनजाति के उद्यमियों के लिए प्रचलित नीति का अध्ययन कर दलित उद्यमियों के हितार्थ सबसे अच्छी पालिसी तैयार कराने के निर्देश दिए। साथ ही पालिसी फ्रेमवर्क के लिए दलित इण्डियन चैम्बर आॅफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्री (डिक्की) के अध्यक्ष (यूपी चैप्टर)  कुंवर शशांक, आयुक्त उद्योग एवं संयुक्त आयुक्त, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम की तीन सदस्यीय संयुक्त कमेटी गठित कर दी गई है।



      डा. सहगल ने यह निर्देश निर्यात प्रोत्साहन भवन में डिक्की के नेशनल वर्किंग प्रेसिडेंट श्री रवि कुमार नर्रा की नेतृत्व में आये प्रतिनिधि मण्डल से भेंट के उपरान्त दिये। उन्होंने कहा कि देश में अनूसचित जाति एवं जनजाति के लोगों की आबादी सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में है। राज्य सरकार इस कमजोर वर्ग के उत्थान के प्रति बेहद संवेदनशील भी है। दलित उद्यमियों को आगे बढ़ाने में सरकार हर सम्भव सहयोग व मदद देगी। उन्होंने समिति को दलित उद्यमियों की सुविधा के लिए प्रदेश में लैण्ड एलाटमेंट, मार्जिन मनी सब्सिडी, इन्ट्रेस्ट सब्सिडी, कैपिटल इन्वेस्ट सब्सिडी, वेंचर कैपिटल फण्ड, एससी एवं एसटी उद्यमियों के लिए डायरेक्ट फण्डिंग, बिजनेस फैसिलिटेशन सेंटर, सरकारी खरीद में आरक्षण आदि विषयों पर गहन अध्ययन कर प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।



श्री नर्रा ने ‘‘डाॅ. बी.आर.आम्बेडकर आत्मनिर्भर’’ नाम से एक पालिसी का प्रारूप प्रस्तुत करते हुए आग्रह किया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए उद्यम स्थापना हेतु सस्ते दर पर भूमि की उपलब्धता, आसान ऋण सुविधा एवं विशेष सहायता उपलब्ध कराई जाय। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहले से ही एससी/एसटी उद्यमियों हेतु कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही है। वर्तमान परिवेश में इसको और अधिक कारगर बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने भूमि आवंटन हेतु लगने वाली रजिस्ट्रेशन फीस का 90 फीसदी प्रतिपूर्ति करने, स्टाम्प ड्यूटी में 100 फीसदी छूट देने, ऋण ब्याज में छूट, एमएसएमई इकाइयों के लिए 35 प्रतिशत तथा महिला उद्यमियों हेतु 45 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी उपलब्ध कराने संबंधी प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर आयुक्त एवं निदेशक, उद्योग  गोविन्द राजू एनएस, सहित विभागीय अधिकारी मौजूद थे।